Himachal G.K. ----HAS-----Part 17
Q :- 1 दिवोदास और शम्बर के बीच युद्ध कितने वर्षों तक हुआ तथा इसमें
किसकी पराजय हुई ?
(a) 40 वर्षों तक , शम्बर (b ) 20 वर्षों तक , दिवोदास
(c) 10 वर्षों तक , शम्बर (d) 30 वर्षों तक , दिवोदास
Ans: - (a) 40 वर्षों तक , शम्बर
Exp.:- दिवोदास, भरत कुल का शासक था तथा दिवोदास ने शम्बर को 40 वर्षों तक चले युद्ध में हराया था !
Q :- 2 मनाली का नामकरण किस ऋषि के नाम पर पड़ा था ?
(a) वशिष्ट ऋषि (b) मनु (c) मण्डी (d) जमदगिन
Ans: - (b) मनु
Exp.:- ऋषि वशिष्ट का समबन्ध वशिष्ट कुण्ड से है जो की मनाली के पास है ! मनु का समबन्ध मनाली है !
मण्डी का समबन्ध माण्डव्य ऋषि से है तथा जमदगिन का समबन्ध रेणुका से है !
Q :- 3 दाशराज्ञ युद्ध जो की राजा सुदास और दस राजाओं के बीच में रवि नदी के तट पर लड़ा गया !
इस युद्ध में राजा सुदास की विजय हुई थी !इस युद्ध में राजा सुदास और दस राजाओं की और
से युद्ध का नेतृत्व किस ने किया था ?
(a) सुदास की और से विशिष्ट ने , दस राजाओं की और से विशवामित्र ने
(b) सुदास की और से विशवामित्र ने , दस राजाओं की और से विशिष्ट ने
(c) सुदास की और से व्यास , दस राजाओं की और से वशिपाल ने (d) सुदास की और से परशुराम ने , दस राजाओं की और से विशवामित्र ने
Ans: - (a) सुदास की और से विशिष्ट ने , दस राजाओं की और से विशवामित्र ने
Exp.:- सुदास जो की भरतों के राजा दिवोदास का पुत्र था ! वह इस में विजय हुआ !
Q :- 4 त्रिगत के राज सुशर्मा ने महाभारत के युद्ध में किस तरफ से भाग लिया था ?
(a) पांडवो (b) कौरवों
(c) कृष्ण (d) किसी की और से नहीं
Ans: - (b) कौरवों
Exp.:- रावी , व्यास और सतलुज के बीच के क्षेत्र को त्रिगत कहते थे !त्रिगत के राज सुशर्मा ने महाभारत के युद्ध
में कौरवों की तरफ से युद्ध में भाग लिया !
Q :- 5 महमूद गजनवी ने कांगड़ा किले पर कब आक्रमण करके अपने कब्जे में कर लिया ?
(a) 1015 (b) 1009
(c) 1022 (d) 1011
Ans: - (b) 1009
Exp.:- महमूद गजनवी ने 1009 ई० में चौथी बार आक्रमण करके आंनद पाल की सेना को हराकर कांगड़ा किले को
Q :- 5 महमूद गजनवी ने कांगड़ा किले पर कब आक्रमण करके अपने कब्जे में कर लिया ?
(a) 1015 (b) 1009
(c) 1022 (d) 1011
Ans: - (b) 1009
Exp.:- महमूद गजनवी ने 1009 ई० में चौथी बार आक्रमण करके आंनद पाल की सेना को हराकर कांगड़ा किले को
अपने कब्जे में कर लिया ! कांगड़ा किले को नगरकोट का किला भी कहते हैं !
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